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Showing posts from December, 2018

जो हो इक बार वो हर बार हो ऐसा नहीं होता

जो हो इक बार वो हर बार हो ऐसा नहीं होता हमेशा एक ही से प्यार हो ऐसा नहीं होता कहीं तो कोई होगा जिस को अपनी भी ज़रूरत हो हर इक बाज़ी में दिल की हार हो ऐसा नहीं होता सिखा देती हैं चलना ठोकरें भी राहगीरों को कोई रस्ता सदा दुश्वार हो ऐसा नहीं होता - निदा फ़ाज़ली

जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता

जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता ग़लत बातों को ख़ामोशी से सुनना हामी भर लेना बहुत हैं फ़ाएदे इस में मगर अच्छा नहीं लगता मुझे दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की उम्मीद रहती है किसी का भी हो सर क़दमों में सर अच्छा नहीं लगता - जावेद अख़्तर बुलंदी पर उन्हें मिट्टी की ख़ुश्बू तक नहीं आती ये वो शाख़ें हैं जिन को अब शजर अच्छा नहीं लगता ये क्यूँ बाक़ी रहे आतिश-ज़नो ये भी जला डालो कि सब बेघर हों और मेरा हो घर अच्छा नहीं लगता